Shiv temples in india: शिव भगवान के अनुचर अवश्य करें इन मंदिरों के दर्श। जहाँ बाबा भोलेनाथ के दर्शनों के लिए लगती है श्रध्दालुओ की लम्बी पंक्ति

 Mahashivratri 2023 : भगवान शिव के भारत देश के भीतर कुछ इतने प्रसिद्ध मंदिर हैं कि उनके साक्षात्कार के लिए श्रद्धालु हर वर्ष दूर दूर से  एवं भिन-भिन स्थान से वहां पहुंचते हैं. महादेव की महिमा की व्याख्या करते हैं और भगवान् शिव के दर्शन हेतु घंटों प्रतीक्षा भी करते हैं. चलिए  ऐसे ही कुछ भगवान शिव शम्बू के मंदिर के बारे में आपको बताते हैं.



Shiv temples in India: शिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का अवसर हो महादेव के मंदिरों में श्रद्धलुओ की भीड़ से मंदिर सराबोर न हो, ऐसा होना असंभव है. हरेक शिव भक्त अपनी ऊर्जा, वक़्त और बजट के अनुकूल शिव मंदिर में दर्शन के लिए जाने का पूरा प्रयास करता है. दूर न सही तो घर के नजदीक के मंदिर में ही पूजा  (Shiv puja) कर भगवान् शिव का आशीर्वाद अवश्य लेता है, हर प्रकार के छोटे बड़े शिव मंदिर ( Shiv temples) में श्रद्धालुओं का मेला सा लगता है. भगवान शिव के भारत देश के भीतर कुछ इतने विख्यात मंदिर हैं कि उनके साक्षात्कार के लिए श्रद्धालु हर वर्ष दूर दूर से  एवं भिन-भिन स्थान से वहां पहुंचते हैं. महादेव की महिमा की व्याख्या करते हैं और भगवान् शिव के दर्शन हेतु घंटों प्रतीक्षा भी करते हैं. चलिए ऐसे ही कुछ भगवान शिव मंदिर के बारे में हम आपको बताते हैं, जहां दर्शन करने जाने की चाह संभवत हरेक  शिव श्रद्धालु की होती है.

बैद्यनाथ मंदिर

भगवान् शिव का झारखण्ड में देवघर शहर में मौजूद ये मंदिर बाबा भोलेनाथ के प्राचीन, माने हुए और उत्कृष्ट मंदिरों में से एक है. यह मंदिर भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग में भी अपना स्थान रखता है, लोगो का ऐसा मानना है कि ये भगवान शिव के सबसे पवित्र निवास स्थानों में से एक है. ये विराट मंदिर अपनी वास्तुकला की शैली और कथाओं के लिए भी विख्यात है, जिसकी महिमा का बखान करते श्रद्धालु थकते नहीं है.

भोजपुर मंदिर

ये शिव मंदिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग ३२ किलोमीटर की दूरी पर विराजमान है. भगवान् शिव के इस मंदिर की खासियत ये है कि इसे प्राचीन काल में उत्पादित सबसे विराट शिवलिंग का श्रेणी हासिल है. इस मंदिर को पांडवकालीन माना जाता है. बेतवा नदी के किनारे पर विराजमान इस मंदिर के दर्शन करना सभी श्रद्धालुओं की कामना रहती है.

श्री बृहदेश्वर मंदिर

भगवान शिव का ये प्राचीन और विराट मंदिर माना जाता है तमिलनाडु के तंजौर में विराजमान है इसे चोल प्रथम ने 11 वीं शताब्दी में बनवाया था. अगर मंदिर की वास्तुकला पर एक दृष्टि घुमाई जाए तो इस मंदिर की वास्तुकला चोल वास्तुकला की गवाही देती है कि मंदिर उसी समय का है. इस मंदिर को राजराजेश्वरम, राजराजेश्वर और भक्त पेरिया कोविल के नाम से भी जानते हैं. 

सोमनाथ मंदिर

भारत के गुजरात राज्य में विराजमान सोमनाथ के शिव मंदिर में स्वयं अरब सागर की लहरें बाबा भोलेनाथ का जल अभिषेक करती दिखाई पड़ती  हैं. ये मंदिर देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में समिलित है, जिस वजह से यहां श्रद्धालुओं का इस मंदिर के प्रति भक्ति भाव देखते ही बनता है. मंदिर के दर्शन के लिए देश विदेश  से हर वर्ष श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं.

महाकालेश्वर मंदिर

महादेव जो की कालों में काल महाकाल के नाम से प्रख्यात उज्जैन के भगवान महाकाल अनुयायीयो के अति दुलारे हैं. जिनके साक्षात्कार के लिए हरेक वर्ष अनुयायीयो का भारी जनसैलाब भी उमड़ता है. अब यहां महाकाल लोक का निर्माण भी हो गया है जो बाबा भोलेनाथ के अनुयायीयो को और भी अधिक आकर्षित कर रहा है.